Drying oil and paint media (Introduction)
इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको पेंट टेक्नोलॉजी के थर्ड सेमेस्टर के Drying oil and Paint Media सब्जेक्ट के प्रथम अध्याय अर्थात इंट्रोडक्शन के इम्पोर्टेन्ट क्वेश्चन व हैडिंग के बारे में बात करेंगे।
Paint Industry Oils का प्रयोग फ़िल्म फॉर्मर ओर पेंट में फ्लेक्सबिलिटी प्रदान करने के लिए आयल का इस्तेमाल किया जाता है, ज्यादातर Vegetable oil का प्रयोग करते है।
आयल को तीन प्रकार से विभाजित किया जाता है।
1- Vegetable Oils
2- Minerals Oils
3-Assesial Oils
Vegetable Oils- इनका प्रयोग
ये Oils तीन प्रकार के होते है।
Drying Oils- ये सूखने वाले आयल होते है।जो environment से O2 लेकर Polymerisation चालू हो जाता है । जिसके बाद वह सुख जाता है।उसे drying Oils कहते है। जैसे- Linseed Oil ,Dehydrate Coster Oil etc.
Semi-Drying Oils- इन आयल में Drying की Properties Drying Oil से कम होती है। अर्थात सूखने में समय में ज्यादा समय लेता है।
Non-Drying Oil - इन आयल में सूखने का गुण नही होता है। इन्हें पेंट में Plasticizer के रूप में करते है।जैसे- Castor Oil etc.
Minerals Oils- ये आयल खानों से प्राप्त किया जाता है। ये बहुत जल्दी Evaporate होने वाले आयल होते है।
जैसे-Xylene, Mineral Terpentine Oil ,केरोसिन Etc.
Modification of Oils
पेंट इंडस्ट्री में ज्यादातर vegetable oil का प्रयोग करते है।जैसे-Linseed Oil, Coster oil,Sunflower Oil etc.
Oil की सूखने की क्षमता को बढ़ाने एवं विस्कोसिटी को कम करने के लिए कुछ परिवर्तन किए जाते है,उसे Modification of oils कहते है।
बगैर Modification के हम आयल का प्रयोग नही करते है, अगर करते है, तो पेंट में निम्न डिफेक्ट आ सकते है।जैसे-Blistering ,orange pilling,Sagging Etc.
Oils निम्न है।
1- Isomerized oil
2-Co-Polymerized Oil
3-De-hydrate castor Oil
4-Maleinised oils
5-सेग्रिगेटेड आयल
Isomerized oils- सरल भाषा मे इसे निम्न प्रकार से परिभाषित किया जाता है,
जब Non-Conjugated Oil को उत्प्रेरक (निकेल,कार्बन) की उपस्थित में 250℃ से 300℃ तक गर्म करते है , जिससे वह Conjugated Oil में परिवर्तित हो जाता है।
इसमे no. of atom same होते है , लेकिन फिजिकल property बदल जाती है।
* इसकी Drying Property अच्छी होती है।
Co-Polymerized Oil- जब भिन्न-भिन्न मोनोमर के अणु आपस मे क्रिया करके आयल का निर्माण करते है तो उसे को-पोलीमेरिजेड कहते है।जैसे-स्टाइरीन etc.
अब co-polymerized oil बनाने के लिए स्टाइरीन का amount 50% तथा Oil का Amount 50% लेते है। दोनों को एक साथ लेकर रियेक्ट करवाते है, जिसके पश्चात हमे Co-Polymerized Oil प्राप्त होता है।
*अगर स्टाइरीन की मात्रा अधिक हो जाती है, तो जो Co-Polymerized Oil बनेगा , वह Solvent में नही घुलेगा।
De-hydrate Castor oil- जब Castor oil को H2SO4 की उपस्थिति में 290℃-300℃ तक गर्म करने पर यह dehydrate Castor Oil में परिवर्तित हो जाता है।
*Castor oil Non-Drying Oil होता है,जब इसको D.C.O. में परिवर्तित करते है, तो यह Drying Oil हो जाता है। इसके बाद इसको पेंट बनाने में इस्तेमाल करते है।
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